चलो फिर से एक किताब लिखते हैं, दिए हर जख्म का हिसाब लिखते हैं चेहरा देखकर किसी के दिल में क्या है कैसे समझ ले हम ऐ मेरे दोस्त ,चेहरे से तो सब एक जैसे दिखते हैं ।
बड़ा जिद्दी है दिल यह मेरा, हर वक्त लेता है सिर्फ नाम तेरा, किसी और के बारे में सोच भी लूं तो, धड़कना बंद कर देता है दिल ये मेरा ।
क्योंकि इतना जल रहा है जमाना यारों, मैं हार कर ही तो मुस्कुराया हूं ।
कई बार सोचा कुछ नया लिखने की मगर, मेरे किताब का हर पन्ना भी जिक्र सिर्फ तेरे नाम करता है, कहीं सच ना लिख जाए मेरी कलम से तेरी बेवफाई का, यह सोचकर लिखने से भी डरता है ।
चलो कोई बात नहीं जो तुम ऐसा कर गए, किसी गैर के साथ जो मेरे सामने से गुजर गए, हाथ था उसका किसी गैर के हाथों में, मैंने पूछा तो नजरे झुकाए और वो मुकर गए ।
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