जिंदगी में एक बात अच्छे से सीखी है
जिसे चाहो जान से भी ज्यादा
वो इंसान अक्सर बदल जाता है
जिंदगी को इतना सत्ता मत बनाओ
दो कौड़ी के लोग आपकी फीलिंग से खेल किए चले जा
जख्म कहां कहां से मिलते हैं
छोड़ो इन बातों को जिंदगी तू ये बता
की सफर कितना बाकी है…
जिन्हें अपने अंदर कोई गलती नजर नहीं आती
उन्हें दूसरे से गलतियों के अलावा कुछ नजर नहीं आता…!
लम्हे कभी फुर्सत के.. मिले तो
रंजिशें भुला देना क्या पता ..
सांसों की मोहलत कहां तक हो।