ना रही शिकायत अब मुझे
तेरे नजरअंदाज से तू बाकियों को खुश रख
हम तन्हा ही अच्छे हैं।
उच्च शिक्षा का कोई मतलब नहीं है
जो इंसानियत ना सिखाती हो..!
सभी तेरी कुदरत जानबूझकर हमें मुश्किल हालातों में डालते हैं
ताकि , उन लोगों के चेहरे पर लगे नकाब देख सके
जिन पर हम आंख मूंदकर भरोसा करते हैं…!
परख से परे हैं ये शख्सियत मेरी…
मैं उन्हीं के लिए हूं जो समझे कदर मेरी…!
चेहरे के रंग देखकर दोस्त ना बनना दोस्त…
तन का काला चलेगा लेकिन मन का काला नहीं…