मेरी हर खुशी हर बात तेरी है,
साँसो में छुपी ये हयात तेरी है,
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिना,
धड़कनो की धड़कती हर आवाज तेरी है
दिल की हसरत नुबान पे आने लगी
तूने देखा और जिंदगी मुस्कुराने लगी
ये इसश्क की इंतेहा थी या ढीवानगी
मेरी हर मूरत में सूरत तेरी जनर आने लगी
ज़रूरी नहीं है ….इशक में बांहों के सहारे ही मिले,
किसी को जी भरके, मुहसूस करना भी मोहब्बत है.।
तन्हाई भी मेरे पास आने से डरती है,
उसे भी मालूम हैं
कि हमे कोई अपनी जान से भी ज्यादा चाहता है।
हम तन्हाई में भी तुझसे बिछड़ जाने से डरते है
तुझे पाना अभी बाकी है और खखोने से डरते है