कैसे कहूँ की…
इस दिल के लिए कितने खास हो तुम..
फासले तो कदमों के हैं
पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम..
अदाओं का मेरे पास कोई जवाब नहीं है
अब मेरी आँखों में तेरे सिवा कोई ख्वाब नहीं है,
तुम मत पूछो, मुझे कितनी मोहब्बत है तुमसे,
इतना ही जानू मेरी मोहब्बत का कोई हिसाब नहीं
उदास मत होना क्योंकि मैं साथ हूं
सामने ना सही आस पास हूं
पलकों को बंद कर जब भी दिल में देखोगे
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूं
आदतसी लग गई है
तुझे हर वक्त सोचने की
अब इसे प्यार कहते हैं या पागलिपन ये मुझे पता नहीं।
ना नजर मिली ना दीदार हुआ
सिर्फ दिल से दिल मिले,
और हमे उनसे सचा प्यार हुआ…