डर लगता है तेरे रूठ जाने से
तेरी मौजूदगी ही काफी है
जो मुझे तेरे होने का अहसास दिलाती है
कौन कहता है
दो जिस्मों का एक होना ही ज़रूरी है
मोहब्बत तो अहसास से की जाती है
तेरे गुस्से पर भी आज हमें प्यार
आया है चलो कोई तो है
जिसने इतने हक से हमें धमकाया है
नज़रे तुमे देखना चाहे। तो आँखौं का क्या कसूर
हर पल याद तुम्हारी आये तो सासो का क्या कसूर
वैसे तो सपने,पुछकर नहीं आते पर सपने तेरें ही आये
तो हमारा क्या कसूर
तेरा एक फोन आने से जो खुशी मुझे।
मिलती है वह मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी लगती है।
बदल जाती है ज़िंगी की हकीकत,
जब तुम मुस्कुराकर बोलते हो तुम बुहुत प्यारे हो।