नजरो का क्या कसुर जो,
दिल्लगी तुम से हो गई तुम हो हि इतने प्यारे कि…
मुहब्बत तुमसे हो गई…
हमारे बदले रवैए की शिकायत बेशक करना उससे पहले अपने किए पर भी गौर करना
कपड़े उतारना वफा का सबूत नहीं है किसी का इज्जत संभाल सको तो इश्क करना
इंतज़ार तो बस उस दिन का है,
जिस दिन तेरे नाम के आगे मेरा नाम होगा…
तु पूछ लेना सुबह से, यकीन ना हो तो शाम से,
दिल धड़कता है तेरे ही नाम से।