मै कैसे कहू की उसका साथ कैसा है,
वो एक शख्स पुरे कायनात जैसा है !
मुझो नहीं खबर की तुम्हारी
जिंदगी में वो कौनसा पल है,
जो सिर्फ मेरे लिए हो, पर मेरी जिंदगी का हर एक पल
सिर्फ तुम्हारे लिए है…
गिरती हुई बारिश और
बारिश में तुम तो बहाना है
तुम्हारे लबों पर गिरे जो बारिश की बूँद
उसे लबों से उठाना है
तुम्हारा मेरा साथ चाहिए
जो रिश्ता ना टूटे वो हाथ चाहिए
तुमसे जुदा होने का जो खयाल आये
तो रुक जाये बदन से वो सास चाहिए
कैसे कहूँ की…
इस दिल के लिए कितने खास हो तुम..
फासले तो कदमों के हैं
पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम..