अब में तुझें साबुत देता फिरें
अपनी वफ़ाओ का अरे में
आशिक हूँ यार मुजरिम नहीं।
जिंदनी की सबसे कीमती चीज होती है। साँसे…
हम ने वो भी तेरे नाम कर दी है
उसकी मोहब्बत को कुछ इस तरह से निभाते है हम,
वो तकदीर में नहीं है, फिर भी उसे बेपनाह चाहते है हम..!
ना तमज्रा है नज़ारों की,
नाचाहत है सितारो की,
बस तुम जैसा मिल जाए तो क्या
जरूरत है हजारों की,
खुशबु बनकर आपके पास बिखर जायेंगे
हवा बनकर आपके सांसो मे सामा जायेंगे
धड़कन बनकर आपके दिल मे उतर जायेंगे
जरा महसूस करने की कोशिश तो कीजिए
दूर रहकर भी पास नजर आएंगे