हो जाऊं तुमसे दूर फिर मोहब्बत किससे करूं,
तुम हो जाओ नाराज फिर शिकायत किससे करूं,
दिल में कुछ भी नहीं तुम्हारी चाहतों की सिवा
अगर तुम्हें ही भुला दूं तो फिर प्यार किससे करूं
तेरी मुस्कान से सुधर जाती है तबीयत मेरी
बताओ न तुम इश्क करती। हो या ईलाज
किसने कह दिया,
आपकी याद नहीं आती,
बिना याद किये, कोई रात नहीं जाती, वक्त बदल जाता है,
आदत नहीं जाती,आप खास हो ये बात कही नहीं जाती।
रब से आप की खुशी मांगतै हैं
दुआओं में आपकी हंसी मागते हैं
सोचते हैं आपसे क्या मांगे चलो आ सै उमर भर कि मोहब्बत मागते हैं।
कुछ लोग मेरे शब्दों से मेरे अंदर देखना चाहते हैं,,, नादान है वो,
किनारों पर बैठकर समंदर देखना चाहते हैं